यहां तक कि आदर्श माने जाने वाले उच्च अधिकारी भी भ्रष्ट हैं। रंगारेड्डी के अतिरिक्त कलेक्टर भूपाल रेड्डी और वरिष्ठ सहायक मदन मोहन को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। धरणी में उन्होंने एक किसान से 8 लाख रुपये की मांग की थी। एसीबी अधिकारियों ने उन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया और गिरफ्तार कर लिया।
एसीबी अधिकारियों ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, मोहन रेड्डी के पास से 8 लाख रुपये की रिश्वत की राशि बरामद की गई। मोहन रेड्डी के दोनों हाथों की अंगुलियों की जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई। पूछताछ के दौरान मोहन रेड्डी ने एसीबी टीम को बताया कि उसने संयुक्त कलेक्टर एमवी भूपाल रेड्डी की ओर से रिश्वत की मांग की थी। इसके बाद मोहन रेड्डी ने भूपाल रेड्डी को फोन करके राशि मिलने की जानकारी दी और अधिकारी ने उसे रिश्वत की राशि सौंपने के लिए पेड्डाम्बरपेट ओआरआर आने का निर्देश दिया।
अधिकारियों ने कहा, "रात करीब 10.41 बजे भूपाल रेड्डी अपनी सरकारी गाड़ी में पेड्डाम्बरपेट ओआरआर के पास पहुंचे और मोहन रेड्डी की गाड़ी के पास रुके। उस व्यक्ति ने राशि भूपाल रेड्डी को सौंप दी, जिन्होंने उसे अपनी कार में रख लिया। रिश्वत की राशि इनोवा कार से बरामद की गई।" दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। आगे की जांच जारी है।
